Day - 4
राजयोग - नियम और प्राप्तियाँ
तीसरे दिन के कोर्ष में हमने राजयोग के बारे में जाना और अब हम राजयोग के नियम और प्राप्तियों के बारे में जानेंगे।
एक योगी को योग में सिद्धि हासिल करने के लिये इन नियम और मर्यादाओं का पालन करना बहुत ही आवश्यक होता है क्योंकि यही एक आधार या ड़ोर है जो एक योगी आत्मा को परमात्मा से जुड़े रखती है।
अशुद्ध अन्न, अशुद्ध विचार और बुरी संगत योगी के योग में बाधा डालती है इसीलिए एक योगी को सदा शुद्ध और परमात्मा की याद में बनाया हुआ भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। उसे सदा ईश्वरीय संग में ही रहना चाहिए और बुरी वृत्तियां, व्यसन आदि का त्याग करना चाहिए। योगी को काम वासना को छोड़ ईश्वर की याद में बैठ दिव्य गुणों को धारण करना चाहिए तभी उसे परमात्मा से होने वाली प्राप्तियों की अनुभूति हो सकती है।
राजयोग द्वारा मनुष्यात्मा को अष्ट शक्तियों की प्राप्ति होती है जैसे की (1) विस्तार को संकिर्ण करने की शक्ति (2) सहयोग शक्ति (3) सामना करने की शक्ति (4) निर्णय शक्ति (5) परखने की शक्ति (6) समाने की शक्ति (7) सहन शक्ति और (8) समेटने की शक्ति।
तो आज हमने यहाँ पर जाना कि राजयोग से क्या प्राप्तियाँ होती है और उन प्राप्तियों के लिए कौन-कौन से नियमो का पालन करना जरूरी है।
1. How Thought Work विचार कैसे काम करते है |
2. Impact Of Rajyoga on Body and Mind शरीर और मन पर राजयोग का प्रभाव |
3. You Will Become What You Hear जैसा सुनेंगे वैसा बनेंगे |
4. Eight Powers Obtained From Rajyoga राजयोग से प्राप्त अष्ट शक्तियाँ |
5. Pillars Or Rules Of Rajyoga राजयोग के स्तम्भ अथवा नियम |
6. Purify Before Take Water And Food पानी और अन्न शुद्ध करके ग्रहण करें |
7. Importance of Satsang सत्संग का महत्व |
Rajyoga Meditation - Realization Of 8 Powers
1. Realization Of Eight Powers अष्ट शक्तियों की अनुभूति |
Download Book राजयोगा मेडिटेशन कोर्ष - ईश्वरीय उपहार