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Day - 2

परमात्मा का वास्तविक परिचय

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        जैसे पहले दिन के कोर्ष में देखा कि वास्तव में हम एक आत्मा है वैसे भगवान को परम आत्मा यानि "परमात्मा" कहाँ जाता है क्योंकि वह सर्व आत्माओं में श्रेष्ठ है।

        इस सृष्टि पर जितने भी देहधारी है वह सब आत्माएँ है जिसने इस सृष्टि रुपी रंग-मंच पर अपना पार्ट निभाने के लिए शरीर को धारण किया है और हरेक आत्मा के कर्म के हिसाब से उन्हें कई नामो से जाना जाता है जैसे कि देवात्मा, धर्मात्मा, पापात्मा, पुण्यात्मा आदि परंतु उनमें से किसी को भी परमात्मा नहीं कहाँ जाता। 

        परमात्मा एक ही है और वह सभी धर्म की मनुष्यात्माओं के पिता है। मनुष्य के नाम उनके शरीर पर होते है लेकिन परमात्मा का नाम उनकी आत्मा पर होता है और उनका नाम "शिव" है क्योंकि वह कल्याणकारी है। परमात्मा शिव को ही हर धर्म में अलग-अलग नामों से याद किया जाता है जैसे God, इश्वर, अल्लाह, खुदा, ईसु, परमेश्वर, जेहोवा आदि और उनके ही गुण गाते है - है ज्ञान सागर, सर्वशक्तिवान परमपिता परमात्मा, दु:ख हर्ता, सुख कर्ता, सद्दगति दाता, अकालमूर्त आदि आदि।

        जैसे मुझ आत्मा का स्वरुप ज्योतिर्बिंदु है वैसे ही परमात्मा भी ज्योतिर्बिंदु है परंतु परमात्मा को न तो अपना शरीर है और न वे जन्म लेते है। परमात्मा निराकार, अजन्मा, अभोक्ता, अकर्ता है। उनका निवासधाम परमधाम है, उसे शांतिधाम, मुक्तिधाम, ब्रह्मलोक जैसे कई नामों से याद किया जाता है। जब-जब इस सृष्टि पर पाप बढ़ जाता है और धर्म की अतिग्लानि होती है तब-तब वह इस धरा पर अवतरित होते है यानि एक वृद्ध मनुष्य के शरीर में प्रवेश करते है और उनका कर्तव्यवाचक नाम ब्रह्मा रखते हैं।  उनके शरीर रूपी माध्यम द्वारा निराकार परमात्मा शिव सभी आत्माओं को ज्ञान व योग की शिक्षा देकर इस सृष्टि के सभी दु:ख-दर्द से मुक्त कराकर अपने साथ वापिस परमधाम ले जाते है। परमात्मा के अवतरण की याद में ही शिवरात्रि मनाई जाती है और उनके इन्हीं दिव्य कर्तव्यों के कारण पतित-पावन, मुक्तेश्वर, पापकटेश्वर आदि नामों से उन्हें याद किया जाता है। 

        परमात्मा ब्रह्मा द्वारा नई सतयुगी दुनिया की स्थापना कराते है, विष्णु द्वारा नई सतयुगी दुनिया की पालना कराते है और शंकर द्वारा पुरानी कलियुगी दुनिया का अंत कराते है। यही परमात्मा का कर्तव्य है इसीलिए उन्हें GOD (G-Generater, O-Operator D-Destroyer) कहाँ जाता है।

तो आज हमने यहाँ पर जाना परमात्मा का वास्तविक परिचय।

परमात्मा के विषय में अधिक पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें


1.  Shiv Sandesh
     शिव संदेश

2.  Introduction of God
     परमात्मा का परिचय

3.  Glory of God Shiv
     परमात्मा शिव की महिम

4.  God is one
     ईश्वर या सबका मालिक (पिता) एक है

5.  Difference Between Shiv and Shankar
     शिव और शंकर में अंतर

6.  God is not omnipresent
     परमात्मा सर्वव्यापी नहीं है

7.  Divine duties of the God Shiv
     परमात्मा शिव के दिव्य कर्तव्य

Rajyoga Meditation - GOD Realisation

1.  Supreme Soul Realisation
     परमात्मानुभूति

Day - 3

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